Share Shani Dev Aarti :
शनिदेव को सूर्य का पुत्र माना जाता है। सूर्य देव सभी मनुष्यो को उसके कर्म के अनुसार फल देते है अतः उन्हे कर्मफल दाता भी कहा जाता है। शनि ग्रह को मारक, अशुभ और दुख कारक माना जाता है किन्तु शनि उतना अशुभ और मारक नही है, जितना उसे माना जाता है। शनिदेव तो हर मनुष्य के साथ न्याय करते है और उसके कर्म अनुसार फल देते है। मनुष्य को मोक्ष प्रदान करने वाला एक मात्र गृह शनि ही है।
“ॐ शं शनिश्चराय नम:”
Shree Shani Dev Aarti : श्री शनिदेव आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
निलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
क्रीट मुकुट शीश सहज दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
मोदक, मिष्ठान, पान चढत है सुपारी।
लोहा, तिल, तेल, उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान हम हैं शरण तुम्हारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥